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ब्रह्मा ने सृष्टि कैसे रची? | सनातन धर्म के अनुसार Creation, Cosmology और Hindu Universe Concept

ब्रह्मा ने सृष्टि कैसे रची? | सनातन धर्म के अनुसार Creation, Cosmology और Hindu Universe Concept

ब्रह्मा ने सृष्टि कैसे रची? – सनातन के अनुसार दुनिया की शुरुआत

ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना, सनातन धर्म की कॉस्मोलॉजी, ओम् नाद और पंचमहाभूत की अवधारणा

सनातन धर्म के अनुसार दुनिया किसी एक दिन अचानक नहीं बनी, बल्कि यह एक बहुत गहरी, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया का परिणाम है। सनातन यह नहीं कहता कि ईश्वर ने “एक दिन” सृष्टि बना दी, बल्कि कहता है कि सृष्टि का निर्माण चक्रों (Cycles) में होता है — बनना, बिगड़ना और फिर नया बनना।

सनातन धर्म में ब्रह्मांड (Universe) को केवल पृथ्वी तक सीमित नहीं माना गया। इसके अनुसार करोड़ों ब्रह्मांड हैं और हर ब्रह्मांड में एक ब्रह्मा, एक विष्णु और एक शिव कार्य कर रहे हैं।

शुरुआत में केवल परब्रह्म था — न आकार, न नाम, न रूप। उसी परम शक्ति से तीन शक्तियाँ प्रकट हुईं:

ब्रह्मा – सृष्टि के रचयिता

विष्णु – सृष्टि के पालक

महेश (शिव) – सृष्टि के संहारकर्ता

ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना “सोच” से नहीं, बल्कि नाद (ऊर्जा कंपन) से की। सनातन कहता है कि पूरी दुनिया ओम् से बनी है। ओम् कोई शब्द नहीं, बल्कि वह ध्वनि है जिससे ऊर्जा में गति आई और ब्रह्मांड बना।

सनातन के अनुसार पहले बना —

आकाश (Space)

फिर वायु (Air)

फिर अग्नि (Fire)

फिर जल (Water)

फिर पृथ्वी (Earth)

इन्हें पंचमहाभूत कहा गया। आज आधुनिक विज्ञान भी यही कहता है कि पहले ऊर्जा बनी, फिर पदार्थ बना।

इसके बाद ब्रह्मा ने —

देवताओं की रचना की

ऋषियों की रचना की

मनु को बनाया — जिससे मानव जाति फैली

पशु, पक्षी, जलचर, वृक्ष, पर्वत, नदी, ग्रह, नक्षत्र — सब बनाए

सनातन के अनुसार इंसान कोई “दुर्घटना” नहीं है, बल्कि एक संज्ञा युक्त जीव है, जिसके अंदर ईश्वर का अंश है।

इसीलिए कहा गया —

"अहं ब्रह्मास्मि"
मैं वही हूँ जो ईश्वर है।

सनातन यह नहीं कहता कि ईश्वर ऊपर बैठा है, बल्कि यह कहता है कि ईश्वर हर जीव के भीतर है।

आज लोग पूछते हैं —
"सृष्टि कितने साल पुरानी है?"

सनातन का उत्तर है —
यह सृष्टि अरबों-खरबों साल पुरानी है और पहले भी कई बार बन चुकी है और आगे भी बनती रहेगी।

इसीलिए सनातन धर्म को —
सबसे पुराना नहीं, बल्कि शाश्वत धर्म कहा जाता है।

जिसका न जन्म है, न अंत।

📌 सनातन इतिहास ज्ञान श्रृंखला


इस लेख में आपने जाना कि सनातन धर्म के अनुसार सृष्टि-रचना कोई एकबारगी घटना नहीं, बल्कि चक्रीय और अत्यंत गहन प्रक्रिया है — जहाँ परब्रह्म से ब्रह्मा, विष्णु और महेश प्रकट होते हैं, ओम् नाद से ब्रह्मांड का विस्तार होता है और पंचमहाभूत से स्थूल जगत बनता है। यदि आपको यह दृष्टि गहरी और प्रेरक लगी हो, तो इस लेख को अपने मित्रों और परिवार के साथ अवश्य साझा करें।

लेखक / Writer

तु ना रिं 🔱

प्रकाशन / Publish By

सनातन संवाद

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इस लेख का सम्पूर्ण कंटेंट लेखक तु ना रिं और सनातन संवाद के कॉपीराइट के अंतर्गत सुरक्षित है। बिना अनुमति इस लेख की नकल, पुनःप्रकाशन या डिजिटल/प्रिंट रूप में उपयोग निषिद्ध है। शैक्षिक और ज्ञानवर्धन हेतु साझा किया जा सकता है, पर स्रोत का उल्लेख आवश्यक है।

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Labels: Creation in Hinduism, Lord Brahma Story, Sanatan Dharma Cosmology, Hindu Universe Concept, ब्रह्मा सृष्टि रचना, ओम् और नाद, पंचमहाभूत, सनातन इतिहास ज्ञान श्रृंखला

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